रवा इडली उन चुनिंदा इडली में से एक है जिसे बिना खमीर या रातभर भिगोने की जरूरत नहीं होती। इसे तुरंत तैयार किया जा सकता है।
रवा इडली अब सिर्फ दक्षिण भारत तक सीमित नहीं है। यह हर क्षेत्र में पसंद की जाती है और इसे भारतीय झटपट नाश्ते का ताज पहनाया जा सकता है।
रवा इडली की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई, जब चावल की कमी के कारण सूजी का उपयोग किया गया।
यह इडली तली हुई चीजों का हेल्दी विकल्प है क्योंकि इसे भाप में पकाया जाता है, जिससे यह लो-कैलोरी और लो-फैट बनती है।
इसमें सब्जियाँ जैसे गाजर, मटर और बीन्स डालकर इसे अधिक पौष्टिक बनाया जा सकता है।
ताजे दही का उपयोग न केवल घोल को नमी देता है, बल्कि इसे एक हल्का खट्टापन भी प्रदान करता है, जो स्वाद को बढ़ाता है।
इसमें कद्दूकस किया हुआ नारियल, नींबू रस या लाल मिर्च पाउडर मिलाकर नए स्वाद बनाए जा सकते हैं।
रवा इडली को ग्लूटेन-फ्री बनाने के लिए विशेष प्रकार के सूजी का उपयोग किया जा सकता है।
यह एक ऐसा नाश्ता है जिसे बच्चे न केवल आसानी से खा सकते हैं, बल्कि इसे मनपसंद स्वादों के साथ भी पेश किया जा सकता है।
इसे लंच या डिनर के हल्के भोजन के रूप में भी परोसा जा सकता है।
तड़के में सरसों और करी पत्ते की मौजूदगी इसे एक अनोखी खुशबू और स्वाद देती है।
रवा को सही तरीके से भूनने से इडली में हल्की दरदरी बनावट आती है, जिससे वह और अधिक स्वादिष्ट बनती है।
भूनते समय रवा को धीमी आंच पर भूनना चाहिए ताकि वह जले नहीं और इडली का स्वाद बिगड़ न जाए।
यह नाश्ता उन लोगों के लिए आदर्श है जो अपनी कैलोरी को नियंत्रित रखना चाहते हैं।
रवा इडली को लंबे समय तक ताजा रखा जा सकता है और सफर के दौरान भी आसानी से ले जाया जा सकता है।
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