Diabetes : मधुमेह एक खतरनाक चिकित्सा स्थिति है जिसे आमतौर पर डायबीटीज़ (Diabetes) के नाम से भी जाना जाता है। यह शरीर के रक्त शर्करा (ग्लूकोज) के स्तर को नियंत्रित करने में कठिनाइयाँ पैदा करता है। मधुमेह के प्रमुख प्रकार होते हैं –
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मधुमेह || Diabetes in Hindi
1. डायबीटीज़ के प्रकार 1 (Type 1 Diabetes)
डायबीटीज़ के प्रकार 1 (Type 1 Diabetes) एक प्रकार की डायबीटीज़ होती है जिसमें शरीर की खुदा खुद इंसुलिन उत्पन्न करने वाले कोशिकाएं (बीटा कोशिकाएं) नष्ट हो जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप, इंसुलिन की आवश्यकता होती है, जिसे बाहर से प्राप्त किया जाता है। यह प्रकार 1 डायबीटीज़ को आमतौर पर “ऑटोइम्यून डायबीटीज़” भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें शरीर के खुद के रक्तरक्त तंतु को खुदा खुद ही नष्ट कर देता है।
डायबीटीज़ के प्रकार 1 के मुख्य लक्षण (Diabetes)
- बढ़ी प्यास (Excessive Thirst): रोजाना बहुत अधिक प्यास लगती है और बार-बार पानी पीने की इच्छा होती है।
- बार-बार पेशाब जाना (Frequent Urination): बार-बार पेशाब जाने की आवश्यकता होती है, और रात में भी पेशाब जाने की आवश्यकता हो सकती है।
- वजन कमी (Unexplained Weight Loss): डायबीटीज़ के प्रकार 1 में वजन कमी हो सकती है, जो बिना किसी प्रतिकूल कारण के होती है।
- थकान (Fatigue): शारीरिक और मानसिक थकान महसूस हो सकती है.
- खुद को अच्छे से संरक्षित नहीं कर पाना (Frequent Infections): इंसुलिन की कमी के कारण शरीर को संक्रमणों से लड़ने में कठिनाइयाँ हो सकती हैं।
- केटोएसिडोसिस (Ketoacidosis): डायबीटीज़ के प्रकार 1 के रोगी को केटोएसिडोसिस का खतरा होता है, जो गंभीर हो सकता है और चिकित्सा की त्वरित आवश्यकता होती है।
डायबीटीज़ (Diabetes) के प्रकार 1 के रोगियों को आमतौर पर रोजाना इंसुलिन इंजेक्शन या इंसुलिन पम्प का उपयोग करना पड़ता है, जिसका मुख्य उद्देश्य रक्त शर्करा को नियंत्रित करना होता है।
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2. डायबीटीज़ के प्रकार 2 (Type 2 Diabetes)
डायबीटीज़ के प्रकार 2 (Type 2 Diabetes) एक प्रकार की डायबीटीज़ होती है जिसमें शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाती हैं और शुरूवात में इंसुलिन का उत्पादन कम होता है। इस प्रकार की डायबीटीज़ अक्सर वयस्कों में होती है और बढ़ती आयु, अधिमांस, और अव्ययाम जैसे कारणों से बढ़ सकती है।
डायबीटीज़ के प्रकार 2 के मुख्य लक्षण (Diabetes)
- बढ़ी प्यास (Excessive Thirst): रोजाना बहुत अधिक प्यास लगती है और बार-बार पानी पीने की इच्छा होती है।
- बार-बार पेशाब जाना (Frequent Urination): बार-बार पेशाब जाने की आवश्यकता होती है, और रात में भी पेशाब जाने की आवश्यकता हो सकती है।
- वजन बढ़ना (Weight Gain): डायबीटीज़ के प्रकार 2 में वजन बढ़ सकता है, जो अधिमांस के कारण हो सकता है।
- थकान (Fatigue): शारीरिक और मानसिक थकान महसूस हो सकती है.
- असामान्य चक्कर आना (Dizziness): डायबीटीज़ के प्रकार 2 में रक्त शर्करा के स्तर के बढ़ जाने के कारण असामान्य चक्कर आने की समस्या हो सकती है।
- अंधापन (Blurred Vision): डायबीटीज़ के प्रकार 2 के लोगों को अंधापन की समस्या हो सकती है।
- खुद को अच्छे से संरक्षित नहीं कर पाना (Frequent Infections): इंसुलिन की कमी के कारण शरीर को संक्रमणों से लड़ने में कठिनाइयाँ हो सकती हैं।
डायबीटीज़ (Diabetes) के प्रकार 2 के लिए उपयुक्त उपचार आहार, व्यायाम, और दवाओं का सेवन शामिल होता है, और कभी-कभी इंसुलिन भी आवश्यक हो सकता है। इस प्रकार की डायबीटीज़ को नियंत्रित करने के लिए स्वसंयम और अच्छे जीवनशैली का पालन करना महत्वपूर्ण होता है।
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3. गेश्वरी डायबीटीज़ (Gestational Diabetes)
गर्भावस्था में होने वाली डायबीटीज़ को “गर्भावस्था मधुमेह” या “गेश्वरी डायबीटीज़” (Gestational Diabetes) कहा जाता है। यह एक गर्भावस्था के दौरान होने वाली डायबीटीज़ होती है और अक्सर गर्भावस्था के दौरान ही उत्पन्न होती है, और जनरली गर्भावस्था के बाद स्वयं ही ठीक हो जाती है।
गर्भावस्था मधुमेह (Diabetes) के मुख्य कारण होता है कि गर्भावस्था के दौरान मां के शरीर में हॉर्मोनल परिवर्तन घटित होता है, जिसके कारण शरीर को इंसुलिन का सही तरीके से प्रयोग करने में कठिनाइयाँ हो सकती हैं। इसका परिणामस्वरूप, गर्भावस्था में मां की शरीर में रक्त शर्करा के स्तर का बढ़ जाना संभावित होता है, जिससे गेश्वरी डायबीटीज़ होती है।
गर्भावस्था मधुमेह के लक्षण (Diabetes)
- बढ़ी प्यास (Excessive Thirst): रोजाना बहुत अधिक प्यास लगती है और बार-बार पानी पीने की इच्छा होती है।
- बार-बार पेशाब जाना (Frequent Urination): बार-बार पेशाब जाने की आवश्यकता होती है, और रात में भी पेशाब जाने की आवश्यकता हो सकती है।
- वजन बढ़ना (Weight Gain): गेश्वरी डायबीटीज़ के दौरान वजन बढ़ सकता है।
- थकान (Fatigue): शारीरिक और मानसिक थकान महसूस हो सकती है.
गर्भावस्था मधुमेह (Diabetes) के लक्षण को अगर किसी महिला में पाया जाता है, तो वह अपने चिकित्सक से संपर्क करने की सलाह देते हैं। इसके बाद, डॉक्टर द्वारा उपयुक्त दिनचर्या, आहार, और दवाओं का परीक्षण और निरीक्षण किया जाता है ताकि गर्भावस्था के दौरान डायबीटीज़ (Diabetes) को नियंत्रित किया जा सके और मां और शिशु के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके।
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मधुमेह (Diabetes) को एक खतरनाक बीमारी मन जाता है। मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए उपयोगी उपायों में सही आहार, व्यायाम, और दवाओं का सेवन शामिल होता है। साथ ही इससे बचने के लिए सही खानपान और सही जीवन शैली का होना बहुत जरूरी है।
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