Indori Sabudana Khichdi recipe : इंदौरी साबुदाना खिचड़ी एक विशेष प्रकार की साबुदाना खिचड़ी है, जो इंदौर के जायकेदार मसालों और अनोखी तैयारी के साथ बनाई जाती है। साबुदाना खिचड़ी मुख्य रूप से साबुदाना (टैपिओका मोती), मूंगफली, आलू और मसालों से तैयार की जाती है। इसे विशेष रूप से उपवास (व्रत) के दौरान खाया जाता है, लेकिन इंदौर में इसका अनूठा स्वाद इसे रोजमर्रा की जिंदगी में भी लोकप्रिय बनाता है। इंदौरी स्टाइल में इसमें जीरावन मसाला और हींग का उपयोग इसे खास बनाता है।
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साबुदाना खिचड़ी के फायदे
साबुदाना खिचड़ी ऊर्जा से भरपूर होती है और इसमें कार्बोहाइड्रेट्स का उच्च स्तर होता है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। यह ग्लूटेन-फ्री भी होती है, जिससे यह पेट के लिए हल्की और पचाने में आसान होती है। फास्टिंग के दौरान इसे खाने से लंबे समय तक पेट भरा रहता है और ऊर्जा बनी रहती है।
इंदौरी साबुदाना खिचड़ी के लिए सामग्री || Ingredients for Indori Sabudana Khichdi recipe
मुख्य सामग्री
1 कप साबुदाना (3-4 घंटे भिगोया हुआ)
2 बड़े चम्मच मूंगफली (भुनी और दरदरी पिसी हुई)
1 उबला हुआ आलू (छोटे टुकड़ों में कटा हुआ)
2-3 हरी मिर्च (बारीक कटी हुई)
1 चम्मच जीरा
1 चुटकी हींग
1/2 छोटा चम्मच जीरावन मसाला (इंदौरी मसाला)
1/2 नींबू का रस
सेंधा नमक (स्वाद अनुसार)
2 बड़े चम्मच घी या तेल
हरा धनिया (सजाने के लिए)
वैकल्पिक सामग्री
थोड़ा सा कसा हुआ नारियल (स्वाद बढ़ाने के लिए)
सूखे मेवे जैसे काजू और किशमिश
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इंदौरी साबूदाना खिचड़ी बनाने की विधि || How to make Indori Sabudana Khichdi recipe
साबुदाना भिगोना
साबुदाना को अच्छे से भिगोना जरूरी है। इसके लिए साबुदाना को एक बाउल में डालें और उतना ही पानी डालें जिससे साबुदाना सिर्फ डूब जाए। 3-4 घंटे तक इसे भिगोकर रखें या रात भर भीगने के लिए छोड़ दें। जब साबुदाना मुलायम हो जाए और पानी पूरी तरह से सोख ले, तब इसे छानकर रख लें।
मूंगफली की तैयारी
मूंगफली को धीमी आंच पर सुनहरा होने तक भूनें। ठंडा होने पर इसे दरदरा पीस लें। यह खिचड़ी में एक कुरकुरा टेक्सचर जोड़ता है और स्वाद भी बढ़ाता है।
सब्जियों की तैयारी
आलू को उबालकर छोटे टुकड़ों में काट लें। हरी मिर्च और हरा धनिया को बारीक काट लें ताकि इन्हें खिचड़ी में डालने में आसानी हो।
साबुदाना को सही तरीके से भिगोना
साबुदाना को सही तरीके से भिगोना सबसे महत्वपूर्ण है। साबुदाना को 3-4 घंटे तक पानी में डुबोकर रखें। यह ध्यान रखें कि पानी सिर्फ साबुदाना को डुबोने जितना हो, ताकि यह ज्यादा पानी न सोखे। भिगोने के बाद साबुदाना को छानकर पानी निकाल लें और उसे सूखने के लिए अलग रखें।
मूंगफली को भूनना
एक कढ़ाई में मूंगफली को हल्की आंच पर तब तक भूनें जब तक वे कुरकुरी और सुनहरी न हो जाएं। अब इसे दरदरा पीस लें। इस पिसी हुई मूंगफली से साबुदाना खिचड़ी का स्वाद और भी निखरकर आता है।
खिचड़ी तैयार करना
- एक कढ़ाई में घी या तेल गर्म करें।
- इसमें जीरा डालें और जब जीरा चटकने लगे, तो हींग और बारीक कटी हरी मिर्च डालें।
- अब इसमें उबले हुए आलू डालें और उन्हें हल्का भूनें।
- भीगा हुआ साबुदाना डालें और अच्छी तरह से मिलाएं।
- इसके बाद दरदरी पिसी हुई मूंगफली डालें और धीरे-धीरे हिलाएं ताकि सब कुछ अच्छी तरह से मिक्स हो जाए।
- अंत में जीरावन मसाला और सेंधा नमक डालें। इसे हल्के हाथों से मिलाएं।
- खिचड़ी को धीमी आंच पर 5-7 मिनट तक पकने दें, ताकि साबुदाना अच्छी तरह से पक जाए और उसके मोती पारदर्शी हो जाए।
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परोसने से पहले
आखिर में नींबू का रस डालें और हरा धनिया छिड़कें। यह खिचड़ी को ताजगी और खट्टा-मीठा स्वाद देता है।
इंदौरी ट्विस्ट: जीरावन मसाला का उपयोग
इंदौरी जीरावन मसाला इस खिचड़ी का सबसे बड़ा राज है। जीरावन मसाले का स्वाद इसे बाकी साबुदाना खिचड़ियों से अलग करता है। इंदौर की हर गली में आपको जीरावन मसाले से बनी चीज़ें मिलेंगी, और इसका उपयोग खिचड़ी में इसे खास इंदौरी स्वाद देता है।
साबुदाना खिचड़ी को सर्व करने के सुझाव
इंदौरी साबुदाना खिचड़ी को गरमा-गरम परोसें। इसे ताजे दही या मठा (छाछ) के साथ खाया जा सकता है, जिससे इसका स्वाद और भी निखर जाता है। साथ ही, आप चाहें तो इसे पापड़ और अचार के साथ भी परोस सकते हैं।
साबुदाना खिचड़ी के विभिन्न रूप
मीठी साबुदाना खिचड़ी
मीठी साबुदाना खिचड़ी में चीनी और सूखे मेवे डाले जाते हैं। इसे विशेष रूप से उन लोगों के लिए बनाया जाता है, जिन्हें मिठाई पसंद होती है। इसमें आप थोड़ा नारियल और किशमिश भी मिला सकते हैं।
मसालेदार साबुदाना खिचड़ी
अगर आपको तीखा पसंद है, तो आप अधिक हरी मिर्च और लाल मिर्च पाउडर का उपयोग करके इसे मसालेदार बना सकते हैं। साथ ही, गरम मसाला भी डाल सकते हैं ताकि इसका स्वाद और भी मजेदार हो जाए।
साबुदाना खिचड़ी के स्वास्थ्य लाभ
साबुदाना में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। इसके अलावा, यह हल्का होता है और फास्टिंग के दौरान पाचन के लिए अच्छा होता है। हालांकि, इसे सीमित मात्रा में खाना चाहिए, क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा कम होती है और यह शुगर लेवल को बढ़ा सकता है।
इंदौरी साबुदाना खिचड़ी से जुड़ी कुछ सामान्य गलतियाँ
- साबुदाना का अधिक भिगोना: साबुदाना को जरूरत से ज्यादा भिगोने से यह चिपचिपा हो जाता है, जिससे खिचड़ी का स्वाद बिगड़ सकता है।
- ज्यादा तेल का उपयोग: खिचड़ी में ज्यादा तेल डालने से यह बहुत भारी हो सकती है। घी या तेल का उपयोग सीमित मात्रा में करें।
क्षेत्रीय विविधताएँ
साबुदाना खिचड़ी पूरे भारत में अलग-अलग तरीकों से बनाई जाती है। महाराष्ट्र की खिचड़ी में मूंगफली का अधिक उपयोग होता है, जबकि इंदौर में जीरावन मसाले के साथ इसका स्वाद बिल्कुल अनोखा होता है।
इंदौरी साबुदाना खिचड़ी एक लाजवाब और स्वादिष्ट डिश है, जो फास्टिंग के दौरान भी आपके स्वाद को संतुष्ट करती है। इसे घर पर बनाना आसान है, और जीरावन मसाला इसे एक अनूठा इंदौरी फ्लेवर देता है। तो, अगली बार जब आप उपवास करें या हल्की भूख महसूस करें, तो इस इंदौरी साबुदाना खिचड़ी को जरूर ट्राई करें।
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